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हां, डर लगता है मुझे,

ऐसा क्या है जिसे प्राप्त करते ही जीवन से खत्म हो जाता है गलती करने का सिलसिला?

ऐसा क्या है जिसे प्राप्त करते ही जीवन से खत्म हो जाता है गलती करने का सिलसिला?  पहचान, और यह समझ कि किसके साथ कैसा व्यवहार करना है, यह वाकई में एक ऐसी चीज है जो जीवन में भूलों को खत्म कर सकती है। यह एक ऐसी क्षमता है जो हमें अपने आस-पास के लोगों और परिस्थितियों के प्रति अधिक सजग और संवेदनशील बनाती है। बहुत से ज्ञानी और पांडित्जन कहते हैं कि जीवन में भूल करने का सिलसिला तभी खत्म होगा जब हम मृत्यु को प्राप्त होंगे। 'मृत्यु' जीवन से भूल करने का सिलसिला तभी खत्म होता है जब जीवन ही समाप्त हो जाता है, और मृत्यु ही वह अवस्था है जिसमें जीवन के सभी क्रिया-कलाप समाप्त हो जाते हैं।  पर आप खुद पर विश्वास करेंगे और खुद के अंदर विकसित कर लेंगे पहचान करने की क्षमता को तो यह संभव है कि आप खत्म कर पाएंगे भूल करने की सिलसिला को। यह विचार कि जीवन से गलतियों को खत्म करने के लिए खुद में पहचान की क्षमता विकसित करनी चाहिए, बहुत ही सार्थक है। पहचान का मापदंड व्यक्ति के चरित्र, उसके गुणों और उसके व्यवहार में निहित होता है। जैसा कि मैंने कहा, धर्म या मानव धर्म की मात्रा और उसके प्रति व्यक्ति की समझ और सम

क्या आप जानते हैं भगवान श्री कृष्ण की आठ पत्नीयो और 80 बच्चों के नाम

द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण की कई संतानें थीं। उनकी आठ प्रमुख पत्नियाँ थीं, जिन्हें ‘अष्टभार्या’ कहा जाता है, और प्रत्येक पत्नी से उन्हें दस पुत्रों की प्राप्ति हुई थी। इस प्रकार, उनके कुल 80 पुत्र थे। उनकी पत्नियों में रुक्मिणी, सत्यभामा, जांबवती, नग्नजित्ती, लक्ष्मणा, कालिंदी, मित्रविंदा और भद्रा शामिल थीं। श्री कृष्ण के पुत्रों में से सबसे प्रसिद्ध पुत्र प्रद्युम्न थे, जो रुक्मिणी और कृष्ण के पुत्र थे। प्रद्युम्न का विवाह मयासुर की पुत्री रुक्मावती से हुआ था, और उनके पुत्र अनिरुद्ध थे, जो उज्जैन के राजा वज्रनाभ के पिता थे। इसके अलावा, श्री कृष्ण के अन्य पुत्रों के नाम और उनकी कहानियाँ भी हैं, लेकिन उनके बारे में जानकारी अधिक विस्तृत नहीं है। श्री कृष्ण की संतानों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राचीन ग्रंथों जैसे कि भागवत पुराण, महाभारत, और अन्य पुराणों में मिलती है।  भगवान श्री कृष्ण की आठ पत्नियों से उनके 80 पुत्रों के नाम इस प्रकार हैं: 1. रुक्मिणी के पुत्र:    - प्रद्युम्न    - चारूदेष्ण    - सुदेष्ण    - चारूदेह    - सुचारू    - विचारू    - चारू    - चरूगुप्त    - भद्रचारू  

वर्तमान समय में जीने के लिए और जीवन का आनंद लेने के लिए इससे बेहतर और सरल तरीका कोई हो ही नहीं सकता

वर्तमान क्षण में जीने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने मन को भूतकाल की यादों और भविष्य की चिंताओं से मुक्त करें। यहाँ कुछ तरीके दिए गए हैं जो इसमें मदद कर सकते हैं:  ‘ओम’ की ध्वनि पर ध्यान केंद्रित करना वास्तव में एक प्राचीन और शक्तिशाली तकनीक है जो व्यक्ति को वर्तमान क्षण में लाने में मदद कर सकती है। यह ध्वनि योग और ध्यान की परंपराओं में बहुत महत्वपूर्ण है और इसे अक्सर ब्रह्मांड की आधारभूत ध्वनि माना जाता है। ध्यान के दौरान ‘ओम’ का जप करने से मन शांत होता है और विचारों की आवाजाही कम हो जाती है, जिससे व्यक्ति वर्तमान क्षण में अधिक सजग और जागरूक हो सकता है। यह अभ्यास न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है, बल्कि आत्म-जागरूकता और आत्म-संयम में भी सहायक होता है। जहां तक ‘ओम’ की ध्वनि का संबंध है, यह ध्यान और योग की प्राचीन परंपराओं में एक महत्वपूर्ण ध्वनि है। ‘ओम’ को अक्सर ब्रह्मांड की प्राणिक ऊर्जा या शक्ति से जोड़ा जाता है, और इसका जप करने से माना जाता है कि यह व्यक्ति को उस ऊर्जा से जोड़ता है। जो मैंने पहले बताया उतना ही काफी है। वर्तमान काल में जीने के लिए, लेकिन और कुछ एक्स्ट्रा करना

वह कौन सी चीज है जो असफल और कमजोर व्यक्तियों में होती है? और उनकी पहचान कराती है।

वह कौन सी चीज है जो असफल और कमजोर व्यक्तियों में होती है? और उनकी पहचान कराती है। डर (भय): डर एक प्राकृतिक भावना है जो सभी मनुष्यों में पाई जाती है। यह हमारे अस्तित्व की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण भावना है, क्योंकि यह हमें खतरे से आगाह करता है। हालांकि, अत्यधिक डर या अनुचित डर हमारे निर्णय लेने की क्षमता को कमजोर कर सकता है और हमें अवसाद या चिंता जैसी मानसिक स्थितियों की ओर ले जा सकता है। यह व्यक्ति को अंदर से कमजोर बना सकता है, भले ही वह बाहर से कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो। सहारा (समर्थन): मनुष्य सामाजिक प्राणी हैं और हमें दूसरों के समर्थन और सहारे की आवश्यकता होती है। यह सहारा भावनात्मक, वित्तीय, या शारीरिक हो सकता है। जब कोई व्यक्ति दूसरों पर अत्यधिक निर्भर हो जाता है, तो वह अपनी स्वतंत्रता और आत्म-निर्भरता खो सकता है। यह निर्भरता उसे आंतरिक रूप से कमजोर बना सकती है, क्योंकि वह अपने निर्णय और कार्यों के लिए दूसरों पर आश्रित हो जाता है। इन दोनों तत्वों का मानव जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। डर और सहारा दोनों ही हमारे व्यक्तित्व के निर्माण और हमारे जीवन के पथ को प्रभावित करते हैं। इन

ऐसे किसी एक चीज का नाम बताइए जिसे स्वीकार कर लेने से जीवन से संघर्ष खत्म हो जाता है।

ऐसे किसी एक चीज का नाम बताइए जिसे स्वीकार कर लेने से जीवन से संघर्ष खत्म हो जाता है। मैं आपके जवाब का इंतजार कर रहा हूं कृपया अपना जवाब दर्ज कराए कॉमेंट्स में. .  जीवन में संघर्ष एक ऐसा सत्य है जिसे स्वीकार करने से ही हम आगे बढ़ सकते हैं। अक्सर कहा जाता है कि संघर्ष ही जीवन है और इसे स्वीकार करने से ही हम अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं। जैसा कि एक प्रेरणादायक विचार में कहा गया है, “ताकत और विकास निरंतर प्रयास और संघर्ष से ही संभव है।” - नेपोलियन हिल ने इस बात को कहा है। इसलिए, यदि हम संघर्ष को एक अवसर के रूप में देखें और उसे स्वीकार करें, तो जीवन से संघर्ष कम हो सकता है। यह स्वीकारोक्ति हमें अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ने की शक्ति और साहस प्रदान करती है

ऐसा क्या है जिसे प्राप्त कर लेने के बाद कुछ और प्राप्त करने की इच्छा नहीं रहती?

ऐसा क्या है जिसे प्राप्त कर लेने के बाद कुछ और प्राप्त करने की इच्छा नहीं रहती? यह प्रश्न बहुत ही गहरा है और इसका उत्तर व्यक्ति की अपनी समझ और अनुभव पर निर्भर करता है। कई लोग मानते हैं कि आत्मज्ञान या आध्यात्मिक जागरूकता ऐसी चीज है जिसे प्राप्त करने के बाद व्यक्ति को और कुछ प्राप्त करने की इच्छा नहीं रहती। यह एक ऐसी अवस्था है जहाँ व्यक्ति अपने भीतर के चेतन तत्व को जान लेता है और जीवन और मरण के चक्र से मुक्ति प्राप्त करता है। इसके अलावा, कुछ लोग सफलता, शांति, प्रेम या खुशी को ऐसी चीज मानते हैं जिसे प्राप्त करने के बाद उन्हें और कुछ नहीं चाहिए होता ऊपर जो प्रश्न हमारे सामने उपस्थित हुआ था कि ऐसा क्या है जिसे प्राप्त कर लेने के बाद कुछ और प्राप्त करने की इच्छा नहीं रहती? अगर उसका सही मायने में उत्तर है तो वह यह है। क्षमा, निडरता, और त्याग वास्तव में ऐसे गुण हैं जो व्यक्ति को आंतरिक शांति और संतोष प्रदान करते हैं। ये गुण व्यक्ति को अधिक संवेदनशील और समझदार बनाते हैं, और जीवन के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में मदद करते हैं। क्षमा से हमें दूसरों की गलतियों को माफ करने और अपने भी

अगर आपने 21 दिवस ब्रह्म मुहूर्त में किया ध्यान और योग तो होंगे यह चमत्कारिक फायदे!

ब्रह्म मुहूर्त में ध्यान करने की विधि कुछ इस प्रकार हो सकती है: 1. स्थिरता: ध्यान के लिए शांत और स्थिर स्थान चुनें। 2. आसन: सही आसन अपनाएं, जैसे पद्मासन या सुखासन। 3. श्वास ध्यान: श्वास की गहराई को महसूस करें, और नियमित श्वास के साथ ध्यान केंद्रित करें। 4. मंत्र जप: एक शांत मंत्र का जप करें, जैसे 'ॐ' ( OM ) या कोई अन्य आपके लिए मान्य होने वाला मंत्र। 5. चित्त की शांति: चित्त को शांत और खाली करने के लिए ध्यान केंद्रित करें। 6. समय निर्धारण: अपने ध्यान के लिए स्थिर समय निर्धारित करें, जैसे 15-30 मिनट। 7. अंत में: ध्यान समाप्त करने से पहले धन्यवाद या आभार का भाव रखें। ध्यान करते समय, महत्वपूर्ण है कि आप शांति और स्थिरता के साथ ध्यान केंद्रित करें, और ध्यान को एक नियमित अभ्यास के रूप में शामिल करें। ब्रह्म मुहूर्त में 21 दिनों तक कंटीन्यूअस ध्यान योग करने से कई लाभ हो सकते हैं: 1. मानसिक शांति: यह आपको मानसिक तनाव और चिंता से निजात दिलाकर मानसिक शांति प्राप्त कर सकता है। 2. ध्यान क्षमता में सुधार: ध्यान के माध्यम से, आपकी ध्यान क्षमता और ध्यान की गहराई में सुधार हो सकता है। 3. स्वस

आइंस्टीन और जेपी अब्दुल कलाम जैसे महान वैज्ञानिकों द्वारा समाज कल्याण के लिए बताई गई कुछ कोट्स।

आइंस्टीन के कुछ प्रसिद्ध कोट्स हैं: "जो अकेले चलता है, वह सफर का आनंद नहीं ले सकता।" - इस कोट्स से आइंस्टीन ने समझाया कि हमें साथ मिलकर काम करना चाहिए ताकि हम समृद्धि और सफलता की ओर बढ़ सकें। "ज्ञान शक्ति है।" - इस कोट्स से उन्होंने बताया कि ज्ञान ही हमें समस्याओं का समाधान निकालने में मदद कर सकता है और समाज को आगे बढ़ाने में मदद कर सकता है।  "उन लोगों को जो नहीं सोचते, वे कभी कुछ नया नहीं करते।" - इस कोट्स से आइंस्टीन ने हमें सोचने की महत्वता बताई है, क्योंकि नई सोच ही नई आविष्कारों और समाजिक परिवर्तनों की जननी होती है। इन कोट्स के माध्यम से आइंस्टीन ने समझाया कि समाज के विकास और उत्थान के लिए हमें साथ मिलकर काम करना, ज्ञान का उपयोग करना, और नई सोच को प्रोत्साहित करना आवश्यक है। जेपी अब्दुल कलाम जैसे महान वैज्ञानिक और राष्ट्रपति ने भी कई मोटिवेशनल कोट्स प्रस्तुत किए हैं, जो समाज के विकास और उत्थान के लिए प्रेरणादायक हैं।  "विजय का राज़ उसी के हाथ में होता है जो मेहनत करता है।" - यह कोट्स हमें सिखाता है कि समृद्धि और सफलता के लिए मेहनत करना अत्यं

सच्चा सुख क्या है और उसे कैसे प्राप्त कर सकते हैं।

यह सच है कि सच्चा सुख अंतरंग अनुभव का होता है, जो बाहरी परिस्थितियों के परे है। इसे प्राप्त करने के लिए, आपको पहले अपने आप को स्वीकार करना होगा, जैसे आप हैं, बिना किसी शर्त के। फिर, परिस्थितियों को भी स्वीकार करें, चाहे वे कैसी भी हों। और अंततः, सकारात्मक विचार और भावना को अपनाएं, जो आपको आत्मा की ऊर्जा में संतुष्टि और शांति का अनुभव कराएगा। साधना, ध्यान, और सेवा भी इस मार्ग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि ये हमें अपने अंतर्निहित स्वरूप के प्रति संवेदनशील बनाते हैं। सच्चा सुख अंतरंग शांति, संतुष्टि और आनंद का अनुभव है, जो बाहरी परिस्थितियों के अलावा आत्मा की अनुभूति से उत्पन्न होता है। इसे प्राप्त करने के लिए, आपको अपने आप को स्वीकार करना, परिस्थितियों को स्वीकार करना और सकारात्मक विचार बनाए रखना चाहिए। साधना, ध्यान, और सेवा भी इस मार्ग में सहायक हो सकते हैं।

प्रॉब्लम्स और परेशानियों के आने से होने वाले फायदे

"दोस्तों, हम सभी अक्सर अपनी ज़िंदगी में आने वाली प्रॉब्लम्स और परेशानियों से निराश हो जाते हैं। लेकिन क्या हमने कभी सोचा है कि ये प्रॉब्लम्स हमारे लिए एक मौका भी हो सकते हैं? हां, आपने सही सुना। ज़िंदगी में चुनौतियों का सामना करना हमें बड़े ही सकारात्मक तरीके से प्रभावित कर सकता है। जब हम अपनी प्रॉब्लम्स को स्वीकार करते हैं, तो हम अपनी क्षमताओं को निखारने का मौका पाते हैं। और इसी प्रकार, हम अपने लक्ष्यों की ओर अधिकतम प्रगति करते हैं। तो चलिए, अपनी प्रॉब्लम्स से ना भागे, बल्कि उनका सामना करें और देखें कैसे वे आपको आगे बढ़ने का मार्ग दिखाते हैं। आप अपने सपनों की ओर बढ़ते रहेंगे और सफलता की ऊंचाइयों को छूते रहेंगे।" मित्रों, जीवन में परेशानियां अनिवार्य हैं। ये परेशानियां तब तक हमें बुरी लगती हैं, जब तक हम इन्हें स्वीकार नहीं करते। लेकिन जिस दिन हम इन्हें अपने जीवन का हिस्सा मान लेते हैं, उस दिन से हमारी सोच में एक बदलाव आता है। आइए, हम सभी यह स्वीकार करें कि बिना परेशानियों के जीवन संभव नहीं है। और जब हम इसे स्वीकार कर लेते हैं, तो हमारे जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि का आगमन

इन पांच विश्व विख्यात गुरुओं ने उजागर की जीवन की पांच महत्वपूर्ण सिख जिससे हम सफलता को प्राप्त कर सकते हैं।

डेल कार्नेगी के प्रसिद्ध पांच विचार हैं: 1. संघर्ष से बचो, जीत में परिपूर्णता को आदर्श बनाओ: उन्होंने सिखाया कि संघर्षों का सामना करना अवश्य है, लेकिन उन्हें उन्नति और सफलता की दिशा में परिपूर्णता की ओर ध्यान देना चाहिए। 2. लोगों को प्रभावित करने का योग्यता: कार्नेगी का मानना था कि यदि आप अपनी योग्यताओं और दिल से आत्म-समर्पण के साथ काम करते हैं, तो आप अपने आसपास के लोगों को प्रेरित करने की क्षमता विकसित कर सकते हैं। 3. दोस्तों और सहायकों की महत्ता: उन्होंने सिखाया कि सफलता में दोस्तों और सहायकों का समर्थन अत्यंत महत्वपूर्ण है। 4. समय को अच्छी तरह से प्रबंधित करें: उन्होंने महत्वपूर्णता के आधार पर काम करने की महत्ता को बताया और समय का महत्व समझाया। 5. संपत्ति का उपयोग समाज के लाभ के लिए: उन्होंने अपनी धनराशि का बड़ा हिस्सा सामाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक कार्यों में निवेश किया। टोनी रॉबिन्स के प्रसिद्ध पांच विचार हैं: 1. उत्कृष्टता की खोज: रॉबिन्स का मानना था कि उत्कृष्टता की खोज में हमें निरंतर प्रयास करना चाहिए। 2. स्वयं नियंत्रण: उन्होंने सिखाया कि हमारे जीवन को हमें स्वयं नियंत्रित क

जीवन में इन आश्चर्यजनक चमत्कारिक परिवर्तनों को जानकर आप त्याग देंगे अपने जीवन से डर को हमेशा के लिए।

 निर्भय होने से आप अपने जीवन को स्वतंत्रता के साथ जी सकते हैं, बिना किसी डर के। निर्भय होने से आप अपने आंतरिक और बाहरी डरों से मुक्त होते हैं, जिससे आपको खुद को और अपने जीवन को स्वतंत्र महसूस होता है। आपको अपने निर्णयों को लेकर आज़ादी मिलती है और आप अपने सपनों की दिशा में अधिक स्वतंत्रता से काम कर सकते हैं। इससे आपका जीवन उत्साहपूर्ण और संतुष्ट बनता है, क्योंकि आप स्वतंत्रता के साथ अपने रूटिन से बाहर निकल सकते हैं और नए अनुभवों का आनंद ले सकते हैं।  स्ट्रेस और चिंता के कम होने से सामाजिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। जब हम निर्भय होते हैं, तो हम स्ट्रेस और चिंता के कारण से परेशान नहीं होते हैं। इससे हमारा मानसिक स्वास्थ्य सुधारता है, जिससे हम खुशहाल और सकारात्मक रहते हैं। इसके अलावा, यह स्ट्रेस के कम होने से हमारा शारीरिक स्वास्थ्य भी सुधारता है। स्ट्रेस कम होने से हमारा रक्तचाप नियंत्रित रहता है, दिल के रोगों का खतरा कम होता है, और हमारा नींद का गुणवत्ता भी बेहतर होती है। इससे हम स्वस्थ जीवन जीने में सक्षम होते हैं और अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित रखने में सहाय

क्षमा भाव, माफ कर देना एक सुखी जीवन के लिए अमृत के समान है

क्या आपको पता है क्षमा कर देना माफ कर देना किसी को कितना फायदेमंद होता है खुद के लिए? मेरा विश्वास है इन फायदों को जानकर आप क्षमा के भाव को जरूर अपने अंदर स्थापित और स्थिर करेंगे। 1. स्वस्थ मनोवैज्ञानिक लाभ: क्षमा से दिल को सुकून मिलता है और तनाव कम होता है। क्षमा करने से दिल को सुकून मिलता है और तनाव कम होता है क्योंकि यह मन को शांति देता है। जब हम किसी को क्षमा करते हैं, तो हम अपने मन को उस घटना या व्यक्ति से मुक्त कर देते हैं। और उससे मुक्त हो जाते हैं। इससे हमारा मानसिक दबाव कम होता है और हम अपने आसपास के माहौल को भी शांतिपूर्ण महसूस करते हैं। यह हमें अधिक सकारात्मक सोचने के लिए प्रेरित करता है और मानसिक स्थिति में सुधार करता है। 2. रिश्तों को मजबूत करना: क्षमा से रिश्ते मधुर होते हैं और उन्हें मजबूती मिलती है। क्षमा करने से रिश्ते मधुर होते हैं क्योंकि इससे हम दूसरों की गलतियों को स्वीकार करते हैं और उन्हें माफ कर देते हैं। जब हम किसी को क्षमा करते हैं, तो हम उन्हें एक नई आरंभ की अवस्था देते हैं, जिसमें दोनों पक्ष एक-दूसरे के साथ सहयोग और समर्थन करते हैं। इससे रिश्ते गहरे और मजबूत

Ashwini Yoga can bring a revolutionary improvement in your personality. You will be shocked to hear.

Achieving complete mastery of Ashwini Yoga can profoundly impact human life. It may result in a state of heightened physical vitality, mental clarity, and emotional balance. The practitioner may experience a deep sense of inner peace, confidence, and resilience, enabling them to navigate life's challenges with grace and ease. With enhanced creativity, focus, and leadership abilities, they may excel in their endeavors, achieving success in both personal and professional domains. Overall, mastery of Ashwini Yoga can lead to a life characterized by holistic well-being, fulfillment, and the realization of one's highest potential. Practicing Ashwini Yoga is believed to bring several benefits: It is said to increase energy levels and vitality, promoting a sense of well-being and vigor.  Ashwini Yoga is considered auspicious for starting new projects, businesses, or endeavors. It's believed to provide the necessary drive and determination for success.  Followers of Vedic astrology

पांच योगा पोज जो रनिंग और जॉगिंग से ज्यादा कैलोरी और फैट को बोर्न करते हैं

बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिन्हें रनिंग, जॉगिंग, एक्सरसाइज करना पसंद नहीं पर वह स्वस्थ रहना चाहते हैं। उनके लिए मैं लेकर आया हूं पांच ऐसे योगा पोज जो उनकी एक्स्ट्रा कैलोरी को Burn करेंगे, एक्स्ट्रा फैट को Burn करेंगे, साथ ही साथ शारीरिक क्षमता, मानसिक क्षमता को भी सुधरेंगे। चलिए बिना देर किए शुरू करते हैं इस स्वास्थ्य वर्धक ब्लॉग पोस्ट को। निम्नलिखित पांच योगासन आपको रनिंग और जॉगिंग से अधिक गैलरी और फैट को जलाने में मदद कर सकते हैं: सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar): सूर्य नमस्कार एक पूर्ण शरीर का व्यायाम है जो संभावित रूप से सभी शारीरिक समस्याओं का सामना करने में मदद कर सकता है, सहित है, गैलरी और फैट को कम करने में मदद कर सकता है। सूर्य नमस्कार एक प्राचीन योगाभ्यास है जो सूर्य की पूजा और समर्पण के रूप में किया जाता है। यहाँ सूर्य नमस्कार का एक साधारण तरीका है: 1. प्रारम्भ करें ध्यान के साथ, अपने श्वास को नियंत्रित करें। 2. उठें और अपने पैरों को सम्मुख करें, हाथों को प्रारंभिक स्थिति में उठाएं। 3. अपने हाथों को समेटें और प्रणाम करें (नमस्ते)। 4. सांझ करें और उच्च नमस्ते कहें, हाथों को ऊपर उठा

मां सीता से एक आदर्श नारी, आदर्श मां, आदर्श पत्नी बनने की सीख

इस ब्लॉग पोस्ट का आरंभ करने से पहले मैं आप सबको बता देना चाहता हूं, की मां सीता एक इतनी महान चरित्र के आदर्श को संपूर्ण रूप से बता देने में, समझा देने में मैं क्या कोई भी सक्षम नहीं होगा। पर मैं मां सीता के आशीर्वाद से कोशिश करूंगा की उन आदर्शों के वैल्यू को अपने ब्लॉग पोस्ट में अपनी पूरी क्षमता के हिसाब से दर्शा सक्कू। बाकी सब मां सीता के आशीर्वाद पर छोड़ देते हैं। जय मां सीता जय श्री राम। हम आप हम सभी बखूबी जानते हैं मां सीता के बारे में। मां सीता जिन्होंने आदर्श के कीर्तिमान को स्थापित किया एक नारी के रूप में, एक पत्नी के रूप में, एक मां के रूप में। मां सीता ने अपने जीवन चरित्र के माध्यम से एक नारी को किस प्रकार जीवन जीना चाहिए इसकी सीख दी है। मां सीता ने अपने जीवन चरित्र में उन मूल्यों को उजागर किया है, जिन मूल्यों के राह पर चलकर हर एक नारी एक आदर्श मां बन सकती है, एक आदर्श पत्नी बन सकती है, एक आदर्श नारी बन सकती है। मां सीता का जीवन चरित्र प्रेरणा स्रोत है हर नारी के लिए। इस धरती पर जो कोई भी वूमेंस अगर मां सीता द्वारा आचरीत जीवन मूल्यों को अपने जीवन में अपनाएगी, उनका अनुसरण करेगी

आखिर क्यों कुछ लोग बहुत कम बीमार पड़ते हैं

अक्सर हमने अपने आस पास ऐसे लोगों को जरूर नोटिस किया होगा जो बहुत कम बीमार पड़ते हैं। कभी सोचा है उनके कम बीमार होने का कारण क्या हो सकता है। कुछ अनोखा बताएंगे बने रहिए इस ब्लॉग पोस्ट के साथ। मानव शरीर एक पावर हाउस की तरह है जिसमें हर समय एनर्जी के रूप में इलेक्ट्रिक करंट जनरेट होते रहता है। जिसे हम दिव्य शक्ति भी कह सकते हैं। वह दिव्य शक्ति, इलेक्ट्रिक करंट हमारे शरीर के चारों तरफ हमारे त्वचा द्वारा, हमारे त्वचा के ऊपर घूमती रहती है। जिसे आप साइंस के लैंग्वेज में एटम का रिपल्शन फोर्स कह सकते हैं। यह जो शक्ति रुपी, दिव्य शक्ति रुपी इलेक्ट्रिक करंट जो हमारे शरीर के चारों तरफ घूमती रहती है, यह उन वायरसो को हमारे अंदर त्वचा द्वारा प्रवेश करने से पहले ही मार देती है, या उसे वापस पीछे धकेल देती है। जो भी इंसान जितना अधिक शारीरिक और मानसिक रूप से स्टेबल होता है, स्ट्रांग होता है, वह बहुत कम बीमार पड़ता है। क्योंकि हमेशा ही उसके चारों तरफ एक दिव्य शक्ति इलेक्ट्रिक दिव्य शक्ति घूमती रहती है, जो बाहर से आने वाले बीमार कर देने वाले वायरस को रोकती हैं खत्म कर देती है। हमने अक्सर देखा है जो इंसान म

हमारे सपने हमारी पहचान: the concept of nature

यह दुनिया सपने से भरी हुई है, कितनों के सपने पूरे होते हैं और कितनों के नहीं हो पाते हैं। पर सपने देखना एक कांसेप्ट है लाइफ का। एक बहुत ही अहम पहलू है हमारे जीवन का। अब बात आती है की सपने कैसे प्रभावित करते हैं हमारे लाइफ को। यह कितना अहम रोल प्ले करते हैं हमारे लाइफ में। बस इसी कांसेप्ट को समझने के लिए इस ब्लॉग पोस्ट का निर्माण किया है मैंने। क्या कभी आपने यह सोचा है अगर जीवन से सपना गायब हो जाए तो क्या होगा। कभी सोचा है बिना सपनों का जीवन कैसा होगा। मैं मानता हूं बिना सपनों का जीवन जैसे बिना चासनी का गुलाब जामुन। अगर जीवन से सपना गायब हो जाए तो उनके साथ-साथ चले जाएगा इंसान का उमंग, कुछ करने की इच्छा, कुछ पाने की इच्छा यह सब खत्म हो जाएगा आप समझ पा रहे हैं इच्छाओं का नाश हो जाने से सब कुछ एकदम से ठहर सा जाएगा। जब इच्छाएं ही नहीं होगी जब डिमांड ही नहीं होगा तो इंसान और पशु में बहुत अंतर नहीं होगा। हमारे सपने जन्म देते हैं हमारी इच्छाओं को और हमें प्रेरित करते हैं उत्साहित करते हैं और हम मैं एनर्जी भरते हैं उन्हें इच्छाओं को पूरा करने के लिए। इन इच्छाओं को पूरा करने के लिए जो हम प्रयास

अनदेखा रहस्य कौरवों के विनाश का

आज का जो इस ब्लॉग पोस्ट का कांसेप्ट है, वह कौरवों के विनाश के छुपे हुए रहस्य के बारे में है। जिनके बारे में कोई नहीं जानता या जानता भी है तो बताना नहीं चाहता। हमें बहुत पहले से ही यह बताया और पढ़ाया जा रहा है कि कौरवों ने बहुत दुराचार, पाप, अनाचार किया इस वजह से उनका विनाश हुआ। वही एक छोटी सी बात सोचने जैसी है कि उन कौरवों में परम पूजनीय पितामह भीष्म भी थे, आदरणीय गुरु द्रोणाचार्य भी थे, और हम दानवीर कर्ण को कैसे भूल सकते हैं वह भी तो थे कौरवों के साथ उनकी सेना में, यह तीनों तो परम धर्मात्मा माने जाते थे, सदा ही धर्म न्याय नीति का अनुसरण करते थे और उसके मार्ग पर चलते थे, फिर आखिर ऐसा क्या हुआ था जिसके कारण कौरवों का समूल विनाश हो गया। एक मिथ्या हमारे समाज में बहुत समय से फैलती और प्रसारित होती आ रही है की कौरवों के विनाश का कारण भगवान श्री कृष्णा थे। जबकि इसे एक मिथ्या ही कहेंगे क्योंकि भगवान श्री कृष्णा कभी भी किसी समाज विशेष, व्यक्ति विशेष के विनाश का कारण नहीं हो सकते। वह तो किसी व्यक्ति के लिए, किसी समाज के लिए, किसी समुदाय के लिए विकास, उन्नति और धर्म का कारण हो सकते हैं, विनाश का

पति पत्नी के जीवन का संघर्ष एक आत्मकथा बस यह एक बात जान लो जीवन भर जाएगा प्रेम, सुख और शांति से।

इस पोस्ट को लिखने का मकसद केवल इतना है, की वैवाहिक जीवन जिसके नायक और नायिका 'पति और पत्नी' मिलकर रहे, सुख और शांति से अपना जीवन जी सके। और अपने वैवाहिक जीवन को सुख शांति और समृद्धि की ऊंचाइयों तक ले जा सके। हां यह संभव है, अगर आपने इस पोस्ट को अच्छे से समझा तो यह हो सकता है।  अक्सर देखने में आया है कि, जब भी पति और पत्नी कुछ देर तक साथ बैठे और बातें करें, बातें करते-करते न जाने ऐसा क्या होता है, जिससे पति या पत्नी दोनों में से कोई एक क्रोधित हो जाता है। और फिर झगड़ा स्टार्ट हो जाते हैं। मैं मानता हूं कि, हम सभी को जीवन में कभी ना कभी प्रेम अवश्य हुआ होगा। कितनों ने अपने प्रेम का इजहार किया होगा और उनमें से कितनों को उनका मनपसंद साथी मिला होगा। कभी आपने विचार किया है, जब आप प्रेमी प्रेमिका की भूमिका में थे, तब आप बहुत देर तक एक साथ बैठकर बातें करते थे तब तो झगड़ा नहीं होते थे। तब तो सुख और आनंद की प्राप्ति होती थी। और हृदय में यह भाव हमेशा चलता रहता था, काश कुछ क्षण और मिल जाए साथ रहने का। पर वही जोड़ा, मैं सब की बात नहीं करता अपवाद होते हैं, पर मेजोरिटी यही है, कि वही जोड़ा जब

दुनिया के सारे प्रॉब्लम्स का सॉल्यूशन मिल गया जान लो बहुत काम आएगा

   हम जिस संसार में रहते हैं, उस संसार में कोई एक दिन भी बिना प्रॉब्लम्स के, बिना परेशानी के, बिना स्ट्रगलिंग के निकाल ले तो उसके लिए सच में वह दिन सबसे अच्छा दिन कहा जाएगा। हर समय इंसान किसी ना किसी उलझनों में फंसा ही रहता है। और यह सही भी है, क्योंकि यह इस संसार का यूनिवर्सल नियम है, जो इस संसार में आया है उसे प्रकृति द्वारा बाधित किया जाता है कम करने के लिए। और वह बढ़ाएं प्रॉब्लम्स के रूप में हमारे सामने आती हैं। उन प्रॉब्लम्स के कारण ही हम अपने जीवन में कार्यरत रहते हैं, गतिशील रहते हैं। क्योंकि हमारी जरूरत हमें कभी भी स्थिर नहीं रहने देती। अगर ज़रूरतें खत्म हो जाए और हम स्थिर हो जाएं तो, वह स्थिरता प्रॉब्लम्स और परेशानी का रूप ले लेती है। प्रॉब्लम्स जीवन में ना हो यह संभव ही नहीं पर उन प्रॉब्लम्स को फेस कर कर उनका निराकरण संभव है।    यहां हम बात कर रहे हैं, प्रॉब्लम से भागने, छुपाने या बचने की नहीं बल्कि प्रॉब्लम्स को फेस करके उसका निराकरण करने की। निराकरण प्रभावी तरीके से हो जाए इसके लिए मैं आपको एक ट्रिक बताऊंगा। जिससे आप बहुत ही आसानी से दुनिया के किसी भी प्रॉब्लम्स को चुटकी बज

श्री राम के 9 रहस्य सक्सेसफुल पावरफुल बनने की कुंजी

     इस संसार में हर कोई समृद्ध होना चाहता है, धन अर्जित करना चाहता है. और वह यह भी चाहता है की मां लक्ष्मी की कृपा सदा उस पर और उनके परिवार पर बनी रहे. और सोचने वाली बात यह है कि सब मां लक्ष्मी की कृपा दया दृष्टि चाहते हैं. और इसमें कोई दो राय नहीं है की मां लक्ष्मी की दया और कृपा के लिए अथक प्रयास भी करते हैं. पर सवाल यहां यह है कि, उनमें से कितने लोग हैं, जो सही दिशा में प्रयास कर रहे हैं, मां लक्ष्मी की दया, कृपा, आशीर्वाद सदा हम पर हमारे परिवार पर बनी रहे इसके लिए. मैं आपको १० ऐसे गुन या उपाय बताऊंगा जिससे मां लक्ष्मी की कृपा दया हम सब पर सदा बनी रहेगी. मुझे पूर्ण विश्वास है, कि हम सब ने कभी ना कभी रामायण पढ़ा है. राम के चरित्र का श्रवण किया है. चाहे वह टीवी सीरियल के माध्यम से हो, या गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित राम चरित्र मानस पुस्तक के माध्यम से. आपने देखा होगा जब तक राम अयोध्या में थे, पूरी अयोध्या नगरी हंस खेल रही थी. हर तरफ सुख, समृद्धि और धर्म का वास था. जैसे ही श्री राम को वनवास दिया गया, श्री राम के वनवास जाते ही अयोध्या नगरी से हंसी, खुशी, सुख, समृद्धि और धर्म लुप्त सा

जीवन के 7 अंतिम सत्य

हम सभी मृत्यु को जीवन का अंतिम सत्य मानते हैं. क्या आपको पता है मृत्यु के अलावा भी जीवन के छह अंतिम सत्य और है उसके बारे में हम यहां विस्तार से जानेंगे समझेंगे. इस ब्लॉक पोस्ट के माध्यम से जो छूट गए छह जरूरी जीवन के अंतिम सत्य को हम उजागर करेंगे सबके सामने. यह ईश्वर द्वारा निर्धारित किए गए अंतिम सत्य है, इन्हें परिवर्तित नहीं किया जा सकता. १. मृत्यु: मृत्यु जीवन का अटल सत्य है जो इस संसार में आया है उसे अपनी जिम्मेदारियां को निभा कर वापस जाना है. जो इस पृथ्वी पर आया है उसका अपना एक जीवन काल है जीवन काल पूरा कर वापस जाना है. जिसने भी जीवन के इस अंतिम सत्य को समझा है, वह अपने जीवन में सत्य कर्मों द्वारा अपने परलोक को सुधारता है, और अपने जीवन को मानव कल्याण समाज कल्याण के लिए लगता है. यह सत्य एक कठोर सबक सिखाती है जो भी कुछ अपने अर्जित किया हो, इस पृथ्वी पर वह सब यहीं रह जाएगा. आप कुछ भी अपने साथ लेकर नहीं जा पाएंगे, जिस तरह जन्म के समय आए थे खाली हाथ उसी तरह मृत्यु के साथ जाएंगे खाली हाथ. २. परिवर्तन: यह भी एक अटल सत्य है. जो आज जैसा है कल वैसा नहीं रहेगा. हर समय, हर घड़ी, हर छन जो भी कु