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द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण की कई संतानें थीं। उनकी आठ प्रमुख पत्नियाँ थीं, जिन्हें ‘अष्टभार्या’ कहा जाता है, और प्रत्येक पत्नी से उन्हें दस पुत्रों की प्राप्ति हुई थी। इस प्रकार, उनके कुल 80 पुत्र थे। उनकी पत्नियों में रुक्मिणी, सत्यभामा, जांबवती, नग्नजित्ती, लक्ष्मणा, कालिंदी, मित्रविंदा और भद्रा शामिल थीं।
श्री कृष्ण के पुत्रों में से सबसे प्रसिद्ध पुत्र प्रद्युम्न थे, जो रुक्मिणी और कृष्ण के पुत्र थे। प्रद्युम्न का विवाह मयासुर की पुत्री रुक्मावती से हुआ था, और उनके पुत्र अनिरुद्ध थे, जो उज्जैन के राजा वज्रनाभ के पिता थे।
इसके अलावा, श्री कृष्ण के अन्य पुत्रों के नाम और उनकी कहानियाँ भी हैं, लेकिन उनके बारे में जानकारी अधिक विस्तृत नहीं है। श्री कृष्ण की संतानों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राचीन ग्रंथों जैसे कि भागवत पुराण, महाभारत, और अन्य पुराणों में मिलती है।
भगवान श्री कृष्ण की आठ पत्नियों से उनके 80 पुत्रों के नाम इस प्रकार हैं:
1. रुक्मिणी के पुत्र:
- प्रद्युम्न
- चारूदेष्ण
- सुदेष्ण
- चारूदेह
- सुचारू
- विचारू
- चारू
- चरूगुप्त
- भद्रचारू
- चारूचंद्र¹
2. सत्यभामा के पुत्र:
- भानु
- सुभानु
- स्वरभानु
- प्रभानु
- भानुमान
- चंद्रभानु
- वृहद्भानु
- अतिभानु
- श्रीभानु
- प्रतिभानु¹
3. सत्या के पुत्र:
- वीर
- अश्वसेन
- चंद्र
- चित्रगु
- वेगवान
- वृष
- आम
- शंकु
- वसु
- कुंत¹
4. जाम्बवंती के पुत्र:
- साम्ब
- सुमित्र
- पुरूजित
- शतजित
- सहस्रजित
- विजय
- चित्रकेतु
- वसुमान
- द्रविड़
- क्रतु¹
5. कालिंदी के पुत्र:
- श्रुत
- कवि
- वृष
- वीर
- सुबाहु
- भद्र
- शांति
- दर्श
- पूर्णमास
- सोमक¹
6. लक्ष्मणा के पुत्र:
- प्रघोष
- गात्रवान
- सिंह
- बल
- प्रबल
- ऊध्र्वग
- महाशक्ति
- सह
- ओज
- अपराजित¹
7. मित्रविंदा के पुत्र:
- वृक
- हर्ष
- अनिल
- गृध
- वर्धन
- अन्नाद
- महांश
- पावन
- वहिन
- क्षुधि¹
8. भद्रा के पुत्र:
- संग्रामजित
- वृहत्सेन
- शूर
- प्रहरण
- अरिजित
- जय
- सुभद्र
- वाम
- आयु
- सत्यक¹
यदि आप और अधिक विस्तार से जानना चाहते हैं, तो आप इन ग्रंथों का अध्ययन कर सकते हैं।
यह जानकारी पौराणिक ग्रंथों और विभिन्न स्रोतों से ली गई है। इन पुत्रों के जीवन और कथाओं का वर्णन विभिन्न पुराणों और महाभारत में मिलता है।
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