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सुबह की शुरुआत होने से रात का अंत होने तक हम अपने जीवन के कई फैसले लेते हैं जिनमें से कई फैसले ऐसे होते हैं जिन्हें आत्मग्लानि यानी पछतावा होता है। जाने अनजाने में हम कई ऐसे फैसले कर जाते हैं जो सही नहीं होते हैं। हमारे लिए हमारी आत्मा की शांति के लिए। जाने अनजाने में किया गलत फैसला उठाई गलत कदम की वजह से हमारी आत्मा बेचैन हो उठती है। जीवन के लिए पीस आत्मा की शांति एक अहम हिस्सा है जीवन को संतुलित रखने के लिए। हम सभी का जीवन संतुलित रहे और जीवन का संतुलन बना रहे इसलिए मैंने कुछ सात्विक ट्रिक का निर्माण किया है जो मैं आपके साथ साझा करना चाहता हूं।
चर्चा को आगे बढ़ाते हैं और लिए जानते हैं उन सात्विक स्ट्रिप्स एंड ट्रिक्स के बारे में जो हमें गलत फैसला करने से रोक देंगे। और हमें प्रदान करेगी आत्मीय सुख का!
पारिवारिक फैसले!
अपने जीवन में कोई भी फैसला लो, या फैसले का निर्माण करो तो इस बात का बखूबी ध्यान रखो, कि वह फैसला आपका पारिवारिक जिम्मेदारियां के अनुकूल होने चाहिए।
किसी भी फैसले को उत्तेजित होकर या उत्तेजना में ना ले। वह हमेशा ही गलत होंगे। कभी भी कोई भी फैसला करते समय उस फैसले को समय दें।
इस पर हमेशा ध्यान दे की कोई भी फैसला हो, उसमें दोनों पक्षों का हित होना चाहिए।
फैसले लेते समय आप अपने आप को दोनों पक्षों के बीच में रखें और फैसला करते समय कभी भी पक्षपात न करें।
कोई भी फेसले लेते समय दोनों पक्षों को पूर्ण तरह समझे और फिर कोई फैसला ले।
अपने मन में दोनों पक्षों के लिए दया भावना, जरूर और जरूर रखें।
भावनाओं से उत्तेजित होकर फैसले न लें। पहले सोचे, विचारे और फिर अपने मानव धर्म के आधार पर फैसले ले।
सामाजिक फैसले!
आप हम सब एक सामाजिक प्राणी है और हमें इस समाज में ही रहना है और इस समाज में रहते रहते कई फैसले भी लेने पड़ते हैं। समाज के प्रति तो वह फैसले सही हो और सबके हित में हो। वह कैसे लिए जाएं, उसकी बात हम यहां करेंगे।
सामाजिक फैसले लेते समय हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि वह फैसले आपके परिवार को इफेक्ट ना करते हो। उनके दुष्परिणाम आपके परिवार पर ना परते हो।
किसी भी सामाजिक फैसले को लेते समय या कोई भी कदम उठाते समय अपने पारिवारिक हितों का ध्यान अवश्य रखें।
किसी भी फैसले को उत्तेजित होकर या उत्तेजना में ना ले। वह हमेशा ही गलत होंगे। कभी भी कोई भी फैसला करते समय उस फैसले को समय दें।
इस पर हमेशा ध्यान दे की कोई भी फैसला हो, उसमें दोनों पक्षों का हित होना चाहिए।
व्यावसायिक फैसले।
जीवन को जीने के लिए धन की आवश्यकता होती है और धन व्यवसाय या नौकरी से प्राप्त होता है तो हम हर रोज नौकरी या व्यवसाय पर जाते हैं और इस दौरान हम कई ऐसे फैसले लेते हैं जो हमारे व्यावसायिक जीवन को प्रभावित करते हैं।
किसी भी फैसले को उत्तेजित होकर या उत्तेजना में ना ले। वह हमेशा ही गलत होंगे। कभी भी कोई भी फैसला करते समय उसे फैसले को समय दें।
इस बात का हमेशा ध्यान रखें, कि जो भी फैसला आप ले रहे हैं, उसमें आपकी कंपनी आपकी ऑर्गेनाइजेशन और ऑर्गेनाइजेशन से जुड़े कस्टमरों का लाभ हो।
ऑर्गेनाइजेशन से जुड़े फैसले करते समय हमेशा ही ऑर्गेनाइजेशन से जुड़े हुए कस्टमरों का ध्यान रखें। उनके हितों का उनके लाभ का ध्यान रखें।
ऑर्गेनाइजेशन से जुड़े हुए सभी फैसले पर खास ध्यान दे क्योंकि इन्हीं फैसले पर आपका पारिवारिक जीवन और आपका सामाजिक जीवन का अस्तित्व टिका हुआ है। यहां अस्तित्व से मेरा तात्पर्य है फाइनेंशियल स्ट्रांगनेस वित्तीय सुरक्षा।
अंत में हर घड़ी हर समय हम एक नया फैसला ले रहे हैं। अपने लिए अपने परिजनों के लिए अपने समाज के लिए अपने आर्गेनाइजेशन के लिए। अंत में हर घड़ी हर समय हम एक नया फैसले ले रहे हैं। अपने लिए अपने परिजनों के लिए अपने समाज के लिए अपने आर्गेनाइजेशन के लिए। तो हमें बी केयरफुल होना ही पड़ेगा। फसलों के प्रति यहा मैंने कुछ तरीके बताए हैं जिससे आपके फैसले गलत ना हो और आपको आत्मशांति प्राप्त हो। जय श्री कृष्णा।
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